‘ताइवान स्वतंत्रता’ का करेंगे विरोध: शी जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना से अपनी सेना शक्ति पर ध्यान केंद्रित करने का आदेश दिया है. साथ ही उन्होंने 2027 तक टारगेट हासिल कर लेने की बात भी कही, जो कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के गठन का शताब्दी साल है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी नेता ने सेना से अपने मिशन को पूरा करने और आर्मी को वर्ल्ड-क्लास फोर्स बनाने के लिए बोला है. शी ने पार्टी कांग्रेस पार्टी के समाप्ति के बाद शीर्ष ऑफिसरों के साथ अपनी पहली सेना बैठक में यह बात कही. उन्होंने स्पष्ट रूप से बोला कि लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़नी है.
राष्ट्रपति शी की टिप्पणी इस अर्थ में और भी अहम हो जाती है कि वह केंद्रीय सेना आयोग के अध्यक्ष भी हैं. इतना ही नहीं, शी ने अपने भाषण के जरिए सशस्त्र बलों तक साफ संदेश भी पहुंचाया. इसमें बोला गया कि सभी सदस्यों के पास सेना को मजबूत करने को लेकर पार्टी के विचारों की समझ होनी चाहिए. उन्होंने सदस्यों से इस पर सावधानी पूर्वक विचार करने और विश्व स्तरीय सेना बनाने को लेकर कोशिश में तेजी लाने की अपील की.
वार्षिक योजना का कठोरता से पालन करने का आदेश
चीनी राष्ट्रपति ने बोला कि कमांडर्स, ऑफिसरों और सैनिकों को शताब्दी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. उन्होंने जोर देकर बोला कि हर किसी के अपना कर्तव्य निभाने से ही लक्ष्य तक पहुंचा जा सकेगा. मालूम हो कि 20वीं सीपीसी केंद्रीय समिति के पहले पूर्ण सत्र में नए केंद्रीय सेना आयोग के सदस्यों का चयन किया गया. शी ने सभी सेना इकाइयों को केंद्रीय सेना आयोग की वार्षिक योजना का कठोरता से पालन करने का आदेश दिया.
‘ताइवान स्वतंत्रता’ का करेंगे विरोध: शी जिनपिंग
लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति पद पर बैठने वाले शी जिनपिंग ने कहा, ‘हम चीनी देश से जुड़े सभी हितों की रक्षा करेंगे. ‘ताइवान स्वतंत्रता’ का विरोध करने और दोबारा स्वयं से मिलाने को लेकर मजबूत कदम उठाएंगे. ताइवान को लेकर उठने वाले प्रश्नों का हल चीनियों की ओर से ही निकाला जाएगा. हम पूरी ईमानदारी और अधिकतम कोशिश से शांतिपूर्ण पुनर्मिलन की कोशिशें जारी रखेंगे, लेकिन हम कभी भी बल प्रयोग को छोड़ने का वादा नहीं करते हैं. सभी आवश्यक कदम उठाने का विकल्प हमारे पास सुरक्षित रहेगा.’