इजरायली अध्ययन में फाइजर की कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक 85 फीसद प्रभावी पाई गई

फाइजर की कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक 85 फीसद प्रभावी पाई गई है। इजरायली अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मचारियों पर किए गए एक अध्ययन के बाद इसका पता चला है। शेबा मेडिकल सेंटर द्वारा किया गया यह अध्ययन द लैंसेट मेडिकल जर्नल में जल्द ही प्रकाशित होने वाला है। कंपनी का दावा है कि उसकी वैक्सीन दूसरी खुराक के बाद 95 फीसद प्रभावी है।एक दिन पहले ही कनाडाई शोधकर्ताओं ने टीकाकरण की संख्या बढ़ाने को लेकर सुझाव दिया था कि फाइजर वैक्सीन की वायरस के खिलाफ प्रभावकारिता देखते हुए दूसरी खुराक देने में देरी की जा सकती है।
कनाडाई शोधकर्ताओं के शोध में पहली खुराक के बाद वैक्सीन ने 92.6% की प्रभावकारिता दिखाई। उनका विश्लेषण कंपनी द्वारा यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को मानव परीक्षण के आखिरी चरण को लेकर उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों पर आधारित है। एफडीए ने दिसंबर के आंकड़ों को लेकर कहा कि उन परीक्षणों से पता चला है कि दूसरे शॉट मिलने से पहले ही टीके ने सुरक्षा प्रदान करना शुरू कर दिया था, लेकिन सिंगल-डोज शॉट की क्षमता का आकलन करने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता होगी।
फाइजर ने कहा है कि वैक्सीन के वैकल्पिक खुराक का अभी मूल्यांकन नहीं किया गया है। इस पर यह निर्णय स्वास्थ्य अधिकारियों को लेना है। शेबा ने कहा कि जनवरी में पहली खुराक प्राप्त करने वाले अस्पताल के 7,214 कर्मचारियों में 15 से 28 दिनों के भीतर कोरोना के लक्षण में 85% की कमी देखने को मिली। टेस्टिंग में बगैर लक्षम वाले मामलों समेत संक्रमण में कुल गिरावट 75 फीसद रही। हालांकि, इस अध्ययन में अधिकतर लोग युवा और स्वस्थ थे। इसमें 65 साल से ज्यादा के उम्र वाल लोग नहीं थे, लेकिन यह अध्ययन ऐसे समय पर हुआ जब इजरायल में कोरोना के मामले बढ़ रहे थे। फाइजर ने इस पर कोई भी बयान देने से इन्कार कर दिया है। उसने कहा है कि वह खुद इसे लेकर विशलेषण कर रहा है।